सुबह जो आई , संग नए उद्देशय है लाई
हर कली, मंद मंद है मुस्काई
फूलो ने भी पलकें छपकाइ
सुबह जो आई , संग नए उद्देशय है लाई
हर जीव, निकला दाना पानी कमाने को
कुछ सपनो को अपना बनाने को
सुबह जो आई , संग नए उद्देशय है लाई
मोहब्बत की छटा है बिखर आई
फसलों ने भी ली है अंगड़ाई
सुबह जो आई , संग नए उद्देशय है लाई
हर जीवन ने अपनी गाडी दौड़ाई
किसी की आलस तो किसी की तेजी लाइ
सुबह जो आई , संग नए उद्देशय है लाई
सुबह जो आई , संग नए उद्देशय है लाई
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