रविवार, 7 अक्तूबर 2018

ज़िन्दगी:- उलझे सवालों की किताब

हम में से ज्यादातर व्यक्ति पारिवारिक अथवा सामाजिक रिश्तों में असमंजस की स्थिति में रहते है, हमें मालूम नही होता कि हमारा कौन सा रास्ता सही है कौन सा गलत? इस कमोबेश में हम अक्सर उन लोगों से सलाह की अपेक्षा रखते है जिनको हम अपना शुभचिंतक या सुलझा हुआ व्यक्तित्व समझते है। जबकि ज्यादातर इन बातों में हम किसी दूसरे की सोच या समझ अपने जीवन में थोप लेते है।
उदारहण के तौर पर एक कुँवारा व्यक्ति जब किसी शादीशुदा से सलाह लेता है तो शादीशुदा आदमी उसकों अपने अनुभव बताने की बजाए जो कुंठा उसके जीवन में अथार्त जो खामी राह जाती है उन्हें उसके माध्यम से पूरा करवाना सुनिश्चित करें। वो कहेगा शादी का कोई फायदा नहीं शादी नरक होती है अकेले जीवन व्यतित करो, जबकि वो शादीशुदा जीवन के वो भावनात्मक पहलू बताना भूल जाता है या नजरअंदाज करता है जोकि अक्सर सभी महसूस करते है। शादी की वो रस्मे पहली बार हल्दी लगना, सभी रिश्तेदारों के केंद्र बिंदु बन खास अनुभव करना, जीवन में एक बार उम्मीद से बेहतर वस्त्रों को पहनना, घर में उसका एक अलग महत्व बढ़ जाना, नए रिश्तों का अपनापन इत्यादि बहुत से लम्हें वो नही बताता क्योंकि खुशियाँ हम जल्दी भूल जाते है और गमों का शरीर में घर बना देते है। विचारों के इस मंथन में हमेशा कोशिश करता हूँ अच्छे बुरे हर पहलू पर विचार करूँ। मेरी नजर में रिशतें बहुत मायने रखते है, लेकिन समाज कहता है कि रिश्तों में कुछ छिपा नही होना चाहिए जबकि मुझे लगता है हर व्यक्ति की निजता का स्थान होना आवश्यक है। पति पत्नि पर व पत्नि पति पर गिध्द की तरह नजर जमाते है और इस व्यवहार का परिणाम हमेशा उल्टा आता है, किसी एक को लगता है कि मेरे इतने त्याग के बावजूद मुझ पर भरोसा नहीं और वो वही गलती दोहराएगा, जबकि भरोसे की सूरत में किसी एक को लगेगा कि अपनी भावनाओं को नियंत्रण कर मुझे अपने हमसफ़र के भरोसे को कायम रखना है।

शेष फिर कभी अभी काम है कुछ.....

सोमवार, 1 अक्तूबर 2018

स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2018

जिला करनाल को आज दिनांक 2 अक्टूबर 2018 को गांधी जयंती के शुभअवसर पर सम्मानित किया गया। यह गौरव जिला करनाल ने 1 अगस्त से 31 अगस्त 18 तक चलाये गए सर्वे में तय मापदंडों में बेहतरीन कार्य के लिए दिया गया
कैसे हुआ संभव?

सरकार द्वारा निर्देशानुसार 28 जुलाई 2018 को माननीय श्रम व रोजगार मंत्री श्री नायव सिंह सैनी द्वारा किताब का विमोचन तथा स्वच्छता शपथ दिलाकर, स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2018 का जिला करनाल में शुभारंभ किया गया।
डगर आसान न थी, भारत सरकार द्वारा तय मापदंडों में जिला करनाल 70 प्रतिशत कार्य में अव्वल था लेकिन उसका 30 प्रतिशत प्राप्त करना भी चुनौती का कार्य था जिसमें जिला प्रशासन द्वारा रणनीति तय कर 14 बिंदुओं को चिन्हित किया गया। सबसे पहले सभी गाँव में स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2018 के बैनर को ग्राम सचिवालय/पंचायत घरों में लगवाकर गाँव स्तर पर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया, इसके पश्चात जिला कार्यालय से 3 स्वच्छता रथों को माननीय उपायुक्त महोदय द्वारा हरी झंडी देकर रवाना किया गया, जिन्होंने सभी 382 ग्राम पंचायतों का भ्रमण कर सर्वेक्षण की जानकारी पहुंचाई। इन बिंदुओं में मुख्यतः गन्दा पानी न खड़ा हो उसके लिए सोखते गड्डो का निर्माण, कचरे के उचित निपटान के लिए गार्बेज पिट बनाना जिस दौरान यह ध्यान दिया गया कि गीले कचरे जैसे रसोई का कचरा, फसलों के अवशेष तथा गोबर के लिए हर गांव में कम्पोस्ट पिट का निर्माण करवाना सुनिश्चित किया गया। जिन घरों में आँगन में जगह थी उनको किचन गार्डन बनाने के लिए प्रेरित किया तथा रसोई का गीला कचरा खाद के रूप में इस्तेमाल करने को प्रेरित किया गया।
सभी सार्वजनिक स्थलों पर सूखे कचरे के लिए नीले व गीले कचरे के लिए हरे कूड़ेदान का प्रयोग या स्थानीय संसाधनों को जुटाकर  टीन के कनस्तर जैसे   सामान का कूड़ेदान के रूप में प्रयोग करने की मुहिम शुरू की गई। सभी सार्वजनिक स्थलों जैसे आंगनवाड़ी, स्कूल, चौपाल, हाट बाजारों पर श्रमदान करके  सफाई अभियान चलाया गया। लगभग एक सप्ताह तक गाँवोँ में मुनियादी द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण ग्रामीण 2018 बारे जागरूक किया गया। स्कूलों में विद्यार्थियों द्वारा स्वच्छता रैली निकालकर गांव गाँव जन जन तक स्वच्छता संदेश पहुँचाया गया। इसके साथ साथ नुक्कड़ नाटक, मोहल्ला सभा व निगरानी समितियों द्वारा सुबह शाम खुले में शौच मुक्त की निरंतरता बनाये रखने को ठीकरी पहरा दिया गया तथा सुनिश्चित किया गया गाँव में कोई भी व्यक्ति खुले में शौच न जाता हो। ग्राम स्तर पर जिला प्रशासन कि सभी इकाई जैसे आंगनवाड़ी वर्कर, आशा वर्कर, ग्राम सचिव, चौकीदार, सफाईकर्मी, स्वयं सहायता समूह आदि ने ग्रामीणों को जागरूक करने में अहम योगदान दिया। कुछ गांवों मरीन स्वयंसेवी व निजी संस्थाओं ने भी बढ़ चढ़ कर अभियान में हिस्सा लिया। ग्राम पंचायतों द्वारा भी गाँव में स्वच्छता स्लोगन की पेंटिंग करवाई गई। स्वच्छता में अहम योगदान कर लिए स्वच्छग्रहियों को सम्मानित किया गया। इसके साथ ऑनलाइन एप्प पर ग्रामीणों को सिटीजन फीडबैक भरने के लिए जागरूक किया गया जिसमें सक्षम युवा, आंगनवाड़ी वर्कर, आशावर्कर, जन प्रतिनिधियों, स्वयं सहायता समूह, व कॉलेज जाने वाले विद्यार्थियों ने अहम योगदान दिया।
इन सब कार्यों के उचित किर्यान्वयन हेतु अतिरिक्त उपायुक्त महोदय द्वारा पर्त्येक खण्ड के लिए नोडल अधिकारी बनाये गए जिनके द्वारा सभी गाँवों में तय मापदंडों पर कार्य की समीक्षा व करवाना सुनिश्चित किया गया। समय समय पर कि जाने वाली गतिविधियों की मीडिया रिपोर्टिंग द्वारा जन चेतना का कार्य किया गया। सोशल मीडिया पर भी अपडेट रहकर, ग्रामीणों से  संपर्क बनाया गया।

जिला करनाल के लिए जनवरी 2017 में खुलें में शौच मुक्त का अचूक लक्ष्य, अगस्त 2017 में स्वच्छता पखवाड़ा में अग्रणी स्थान, इसी कड़ी में ग्राम स्वराज अभियान में बेहतर प्रदर्शन और अब स्वच्छता सर्वेक्षण ग्रामीण 2018 में अवार्ड मिलना मील का पत्थर साबित हुआ।

कड़वे शब्द बोलता हूँ