गुरुवार, 16 अप्रैल 2015

आदत हो गयी उनको अब मेरे दिए दर्द सहने की

आदत हो गयी उनको अब मेरे दिए दर्द सहने की
जरुरत बाकी नहीं रही, कोई लफ्ज़ कहने की

दर्द का घूँट पीकर, गला उसका भर आता है
कुछ आँखों के सहारे तो कुछ सिसकियों से
वो अपना गम ए इजहार कर जाते है
आदत हो गयी उनको अब मेरे दिए दर्द सहने की

फ़लसफ़ा समझ से बाहर है उनकी भी और मेरे भी
क्यों घट जाता है जो, दिल ए इनकार होता है
यहाँ नफरत का मतलब भी, ढेर सा प्यार होता है
आदत हो गयी उनको अब मेरे दिए दर्द सहने की

घंटो का उनका इन्तजार, तन्हा दिल का खुमार
आता है जब वो तो, प्यार भी उमड़े बेशुमार
बस एक इन होंठो से, जाहिर नहीं होता इकरार
आदत हो गयी उनको अब मेरे दिए दर्द सहने की

उम्र गुजर जाती है, एक रिश्ता जोड़ने को
एक लम्हा भारी होता है, दिल तोड़ने को
में बेवजह यूँ, कभी कोई तक़रार नहीं करता
आदत हो गयी उको अब मेरे दिए दर्द सहने की

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