शुक्रवार, 12 जुलाई 2019

जल सरंक्षण नीति (पीढ़ी बचाओ समृद्धि लाओ)

हरियाणा प्रदेश में जिला करनाल एक खास ही पहचान रखता है, देश व प्रदेश की राजधानी से समान दूरी पर स्थित इस शहर का नाम महाभारत के अहम पात्र कुन्ती पुत्र कर्ण के नाम पर पड़ा था। जिला करनाल को ऐतिहासिक पहचान के अतिरिक्त भी धान की अधिक पैदावार के कारण से जाना जाता है धान के कटोरे के रूप में पहचान वाला अभिमान ही अभिशाप बन गया है। धान की अधिक बुआई के कारण घटता जलस्तर जिला करनाल के स्वर्णिम इतिहास पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है कि आने वाली पीढ़ी को हम समृद्धि की और ले जा रहे है कि विनाश की और। गहराया जल संकट गाँव शहर प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर गहन चिन्ता का विषय बन चुका है। केंद्र सरकार द्वारा जल शक्ति अभियान की शुरुआत हुई तो जिला प्रशासन द्वारा भी इस कड़ी में ठोस कदम उठाए जाने के लिए सयुंक्त सचिव व उपायुक्त महोदय की अध्यक्षता में अहम बैठकों का आयोजन किया गया। प्रारंभिक बैठकों में जल संकट के निम्न कारण निकल कर सामने आए।
1. भूमिगत जल का अंधाधुंध दोहन
2. प्राकृतिक जल संचय स्त्रोतों पर अतिक्रमण
3. जनमानस में जल संकट के प्रति जागरूकता की कमी
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उक्त कारणों के  चिन्हित करने के उपरांत अब बैठकों में चर्चा का विषय था कि समस्यायों का निदान कैसे हो। तो जिला प्रशासन ने जन जागृति प्राथमिक तौर पर मुख्यतः निम्न समाधानों पर बल दिया

I. वर्षा जल संग्रहण
II. जन जन जागृति अभियान
III. जल संचय संसाधनों का निर्माण व जीर्णोद्धार
IV. अनाधिकृत बोरवेल पर प्रतिबंध
V. पौधरोपण

उक्त सभी समाधान के लिए आगामी 2 माह में निम्न कार्य करवाये जाने के लिए रूपरेखा तैयार की।

1 प्राकृतिक संसाधनों की पुनःस्थापना:- जिला करनाल में कुल 382 ग्राम पंचायतों के 435 गांवों में कुल 987 तालाब है जिनका प्रयोग पशुओं के पानी व कृषि कार्यों के लिए किया जाता था। आधुनिकता वाद के दौर में बोरवेल के अत्याधिक इस्तेमाल से यह तालाब जल प्लावन व पशुओं के मल व अन्य गीले कचरे के कारण गांवों की भयंकर समस्या बन गए है। जिला करनाल ही था जिसने देश प्रथम स्तर पर तीन तालाब की संकल्पना की शुरुआत की जिसको पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा काफी सराहना की गई व पूरे देश में इसे लागू करने के निर्देश भी जारी किए गए। जिसके तहत जिला करनाल में जुलाई 2019 तक कुल ........ तीन/पंच ताल का निर्माण हो चुका है तथा .......तक कुल .........पंच ताल का लक्ष्य रखा गया है। जिसकी अनुमानित लागत रुपये.....है। उक्त पंच ताल की वजह से जलप्लावन की समस्या का पूर्ण रूप से निदान हो गया है।

2. वर्षा/छत जल का संचयन करना:- अक्सर बरसात के दिनों में पानी का सड़कों पर भराव देखा गया है। जिसके लिए वाटर रिचार्ज पिट का निर्माण करके निदान किया  जा सकता है। जिला करनाल में जुलाई 2019 माह तक कुल .... रिचार्ज पिट का निर्माण सार्वजनिक भवन पर तथा कुल .... का निर्माण निजी भवनों में किया जा चुका है जिससे ..... क्यूबिक मीटर पानी का संचय किया जा चुका है। जिसका कुल खर्च रुपये ....था व अगले दो माह के लिए कुल .....रिचार्ज पिट के नवीकरण का लक्ष्य रखा गया है जिसकी अनुमानित लगता .....रुपये है तथा .....क्यूबिक मीटर पानी का संचय किया जा सकता है।

3. छोटी नदी व नालों की पुनः स्थापना:- अतिक्रमण के चलते काफी नदी व नालों पर कब्जा कर लिया गया अथवा देखरेख के अभाव में उनका मूलभूत ढांचा धूमिल होने के कगार पर है। इसलिए प्रशासन ने आगामी दिनों में कुल ....नदियों के पुनः स्थापना का लक्ष्य रखा गया है जिसके लिए अनुमानित लागत रुपये...का पूर्वानुमान है।
4. सोक पिट का निर्माण:- जिला करनाल में अधिकांश क्षेत्र रेतीली भूमि है जिसपर सोक पिट का निर्माण के द्वारा दूषित जल का निपटान किया जा सकता है तथा भूमिगत जल के स्तर में सुधार किया जा सकता है। जिला करनाल में अब तक कुल ....सामुदायिक सोक पिट व कुल ...निजी सोक पिट का निर्माण किया जा चुका है जिस पर कुल ....रुपये की राशि खर्च की गई है। .....माह तक जिला करनाल में कुल .....सोक पिट के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है जिसकी अनुमानित लागत ....रुपये है।

कड़वे शब्द बोलता हूँ