शनिवार, 17 अगस्त 2019

अन्तःकरण

पिछले कुछ दिनों से दफ्तर में काफी उठा पटक के बाद जिसको जो चाहिए था वो मिल गया, सता के चाहने वालों को कुर्सी, दौलत के पसंद करने वालों को अधिकार और तन्हा रहने वालों को तन्हाई, कुल मिलाकर सब खुश है अपनी जगह। ईश्वर करें यह स्थिति बनी रहे ताकि सब खुशी खुशी अपनी नौकरी कर ले क्योंकि नौकरी की आवश्यकता सबको है। बस कुछ लोगो को नौकरी से भी ज्यादा बहुत कुछ चाहिए, और ईश्वर उनको वो सब दे भी दे, मगर किसी का अहित न हो। और मेरी भी प्रार्थना है कि मुखोटों से भरे सँसार से दूर रखना मुझे ईश्वर अगर वास्तविकता में आपका वजूद है तो जो कि मुझे लगता नहीं। क्योंकि सामाजिक परिवेश में सफल वही है जिसका निशाना सही है।

कड़वे शब्द बोलता हूँ