जब जब तू दूर होता है
आँखों में नमी
और दिल रोता है तो
क्यों दर्द होता है
घर कर जाती है तन्हाई
हर लम्हे से होती जब रुस्वाई तो
क्यों दर्द होता है
वो हँसता है मुझपर
फिर भी मेरा दिल उसको रोता है
सोचता हूँ तो
क्यों दर्द होता है
पिघल ना जाऊ कही
उसकी तपिश में
ये सोच सोच कर
क्यों दर्द होता है
छोड़ गया वो मुझको
अपनी जरुरत पूरी करके
फूल से बन गया में पत्थर फिर भी
क्यों दर्द होता है
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