मंगलवार, 20 जनवरी 2015

क्यों दर्द होता है

जब जब तू दूर होता है
आँखों में नमी
और दिल रोता है तो

क्यों दर्द होता है

घर कर जाती है तन्हाई
हर लम्हे से होती जब रुस्वाई तो
क्यों दर्द होता है

वो हँसता है मुझपर
फिर भी मेरा दिल उसको रोता है
सोचता हूँ  तो
क्यों दर्द होता है

पिघल ना जाऊ कही
उसकी तपिश में
ये सोच सोच कर
क्यों दर्द होता है

छोड़ गया वो मुझको
अपनी जरुरत पूरी करके
फूल से बन गया में पत्थर फिर भी
क्यों दर्द होता है

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कड़वे शब्द बोलता हूँ