बुधवार, 21 जनवरी 2015

कुछ ट्वीट मेरे


जाने क्यों
जब वो देखता नहीं सामने बैठा हुआ
मेरा दिल बैठ जाता है

तुम इस कदर आये आज मेरी ज़िन्दगी में
मेरे लफ़्ज़ों का कारवाँ तुझ पे सिमट सा गया

हमने चुना था तुमको प्यार के लिए
अधिकार के लिए दुनिया बाकि है

हो गर कोई गम तुझे ए हमनशी
बदल कर हमसे खुशिया ले जाना

मेरी मोहब्बत को उसने मजाक बना दिया
भरी महफ़िल में मेरा ख़त जो सुना दिया

तूने सोचने में जो वक़्त गंवाया
साँसों ने भी धड़कनो से दामन छुडाया

दर्द की बारिश है
कुछ तो गम बह जाने दो
नादाँ दिल को चैन आने दो

उमड़ उमड़ बरसा दिल आज मेरा
जो नैना झर झर बहने लगे

करम कर बस इतना
कुछ ख़ुशी मेरे हिस्से भी आये
बेशक चंद साँसे तेरे नाम हो जाए

लफ़्ज़ नहीं जो कि वो बयाँ हो जाए
बस  देख पढ़ने की कोशिश करता हूँ

सुर्ख गुलाब सा है दोस्त मेरा
महकता रहे सदा
ख्वाहिश है बस मेरी

ख्यालो को संभालना जरा
हमे नींद बहुत कम आती है

किसी के लिखे का मोहताज नहीं
नेक बाँदा हूँ रब्ब का
जागीर का कोई सरताज नहीं

# लाल पिला हमे बताकर
उनका चेहरा गुलाबी हो उठता है
खुद सपनो में रहते,
कि हमे झूठे ख़्वाब दिखाते है


1 टिप्पणी:

  1. उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो.. न जाने किस गली में जिन्दगी की शाम हो जाये

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कड़वे शब्द बोलता हूँ