शनिवार, 17 जनवरी 2015

pk देखकर कुछ रोचक तथ्य पता चले

फुलझड़ी के पास मजे के साथ गूंगे बहरेपन का भी इलाज है

हिलती गाडी से पैसे मिल जाते है

पृथ्वी पर अलग अलग काम करने का अलग फैशन है

भगवान अगर कोई है जिसने हमे बनाया उसने हम पर अपनी मोहर नहीं लगाई।। यानी कोई ब्रांडेड नहीं सब नकली है।।

डर ही भगवान् है।। हम अपनी ज़िन्दगी कहीं अपनी मर्जी से ना जी ले इसलिए भगवान बनाया।।

और आत्मरक्षण के लिए सब से बढ़ी ढाल भी ये ही भगवन है।।

इस दुनिया में दोस्त वो ही है जो आप को पैसे देता है नहीं तो सब आप से पैसे लेते है

ये तो सब थी रोचक बातें

अब एक असली बात
जो ये फ़िल्म सिखाती है
शायद थिएटर से निकल हम वो ही बात भूल जाते है बाकि सब याद रखते है।।

मेरे एक दोस्त ने मुझे मीष्णा नाम दिया मुझे इसका मतलब नहीं पता पर उसके मुताबिक जो अंदर कुछ और बहार कुछ।।

50प्रतिशत उसने सही कहा

की अंदर कुछ। अंदर तो अथाह सागर है उन भावनाओ का जो इस बनावटी दुनिया में लोगो को काहनियो और किताबो में ही अच्छी  लगती है।। बाहर आया तो जाने क्या क्या बवाल को जन्म देंगे।। सीधी सी बात भी उल्टी समझते है।। सही कहता था pk ये पृथ्वी लुळ हो गयी है।। यहाँ आप की बात किसी भगवान् को नहीं जाती।। सब गलत नंबर है गलत नंबर जानते क्यों है।।हम मिलाते ही गलत नंबर है।।
इस फ़िल्म ने आज मुझे तो वो दिया जिसकी मुझे बहुत दिनों से तलाश थी।। दो आँसू जी हाँ दो आंसू।।
इतने दिनों से पत्थर बन कर ज़िन्दगी जी रहा था।। आज पता चला मेरे अंदर एक दिल है जो कहीं खो गया था।। जिसने धड़कना ही बंद कर दिया था।। आप को मालूम नहीं पर मेरे आंसू तब निकले जब pk ने उस दोस्त को खोया ।। जिसने तन्हाई में उसका साथ दिया था और वो डोर टूट गयी जो हमे एक अक्सर अजनबी से बांधती है और ये ही सच्चा प्रेम होता है।। जिसमें स्वार्थ नहीं दिल जुड़ते है।।

और हम समाज के ठेकेदार चाहे तो  इस प्रेम को जाने कितने तरीके से खोट निकाल देंगे कभी धर्म कभी जाती कभी रंगभेद तो कभी आकार में।।
में आमिर खान का फैन नहीं हूँ पर इस फ़िल्म के लिए उनको बधाई देता हूँ और उम्मीद करता हूँ कुछ प्रेरणा आप ले जीवन में इस कहानी से।।
अब जी भर आंसू बहा लेने दीजिये कम्बखत जाने कहाँ थे इतने दिनों से।। पूरा दिल भर आया उमड़ उमड़ बरसे है आज तो।। जन्नत से भी ज्यादा खुशिया इन आंसूओ की।।

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