मंगलवार, 5 मई 2015

छोड़ मुझे, दर्द बेइन्तहा, अब ना सहे जाना

जी भर देखना चाहा तो
हया से चूर हो जाता है वो
में कहता हूँ जो दिल की बात
मजबूर हो जाता है वो

दस्तूर है मोहब्बत का, नजरें चुराना
फिर भी छुप छुप, उन्हें देख कर आना
झूठे बहाने बनाकर, उनसे  मिलने जाना
आँखों में बसे दर्द को, होंठो से छुपाना

गर्दिश भरे हो बेशक हमारी मोहब्बत के सितारे
ज़िन्दगी हमारी तो हर सांस उनको ही पुकारे
कोई शिकवा नहीं, जो वो हुए ना हमारे
हमने तो तन्हा लम्हें, सब उनकी यादों में है गुज़ारे

दो पल की खुशिया, मेरे दामन में भी छोड़ जाना
ताउम्र सजदा ना सही, किसी मोड़ पर मुस्कराना
आँखें फेर लेना हुआ बहुत, शिद्दत से गले लगाना
बरसो की प्यासी जमीं को, प्यार से भिगो जाना

छोड़ मुझे, दर्द बेइन्तहा, अब ना सहे जाना
सिर्फ चंद साँसे जो है, संग तेरे जीवन महकाना

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