शनिवार, 23 मई 2015

वो ................... क्यों है ज़िन्दगी में

उम्र भर का दर्द बन गया है  वो
काँटा सा सीने से उतर गया है वो

हर लम्हा, चुभन बन सताता है वो
ख़ुशी के लम्हें, याद बन रुलाता है वो

अब तो साँसों को, एहसास हो गया है वो
कभी भूलता हूँ, लगे अंदर से छूट गया हो वो

मामूली सी ज़िन्दगी मेरी, ख़ास कर गया है वो
बिना रंग की ज़िन्दगी में, सांस भर गया है वो

एहसान बन, मेरी ज़िन्दगी लूट गया है वो
क़र्ज़ के बोझ से बांध, रिश्ता जोड़ गया है वो

तक़लीफ़ है की सकूँ, बन सीने में बस गया है वो
कड़वी ज़िन्दगी में, कुछ मीठा सा रच गया है वो

#
इशानी  नाम किरदार वाले कलर्स के सीरियल को देख उमड़े कुछ जजबात॥ खूबसूरत कहानी लिखी जो मेरी पंक्तियों की प्रेरणा बनी॥

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कड़वे शब्द बोलता हूँ