आज वीडियो डॉक्यूमेंटेशन ट्रेनिंग का पहला दिन था प्रफेशनलिज्म के बेसिक बताये गये तथा कल के लिए एक टास्क दिया गया।
टास्क में गाँव उपली के एक विकलांग बच्ची के पिता द्वारा प्रेरित होकर शौचालय का निर्माण करवाया गया विषय है।
जैसा कि अक्सर होता है जब भी मुझे कोई काम मिलता है उस रात को मेरी नींद हराम हो जाती है । मेरा दिमाग उस कार्य की रुपरेखा को अमलीजामा पहनाने की दिशा में काम शुरू कर देता है।
जैसा कि मैने अपने ग्रुप को बताया था कि हमें क्लिप 30 सेकंड की लेनी होगी, 2 फ़ोन वीडियो रिकॉर्ड तथा एक ऑडियो रिकॉर्डिंग करेगा। कुछ प्रश्न पर काम करेंगे कि उनका चयन व् शब्दावली उचित होनी चाहिए। ताकि वो किसी भी प्लेटफॉर्म पर दिखाने के अनुरूप हो। इसके अलावा और भी सदस्यों ने सुझाव दिए जिनको नोट किया गया।
वीडियो के सफल संम्पदान के लिए मैने कुछ सुझाव सोचे जोकि में गंतव्य स्थान के रास्ते चर्चा कर सकता हूँ।
1. जब माँ या बेटी द्वारा कोई भी संवेदनशील वाक्य बताया जायेगा तो उस वाकया का ब्लैक एंड वाइट वीडियो शूट करेंगे ताकि उस पीड़ा को फुटेज बनाया जा सके।
2. गाँव की प्रवेश द्वार या कुछ भी चिन्हित दृश्य को भूमिका का हिस्सा बनाना।
3. हो सके तो बैकग्राउंड म्यूजिक का मिश्रण।
4. इफेक्ट्स.
5. एक माँ का अनुभव की वो शौचालय ना होने के कारण जिस लज्जा ओर घृणा से गुजरी वो नहीं चाहती उसकी बेटी को भी सहन करना पडें।
6. स्थानीय भाषा के शब्दों को हिंदी का सार्थक अनुवाद।
7. जितने संभव हो सके मौजूदा संसाधनों को सटीक इस्तेमाल।
8. टीम के सभी सदस्यों का मनमाफिक कार्य का चुनाव ताकि उनका 100 प्रतिशत हुनर काम में लाया जा सकें।
ऐसे ही काफ़ी नियंत्रित फैसले जो वीडियो के बनने तक लिए जायेंगे फ़िलहाल एक अच्छी नींद आवश्यक है ताकि कल समय पर पहुँच कार्य को किर्यान्वित किया जा सकें।
शुभरात्रि।।