गुरुवार, 3 मार्च 2016

औरत के समर्पण की पहचान है वो

हर कदम लड़ती है
तब ही साहसी लगती है

ज़िन्दगी उसके लिए मुश्किलें चुनती है
वो बस हर मुसीबत का हल बुनती है

हर गम ने आकर उसको घेरा है
पर उसके दिल में रौशनी का बसेरा है

मोतियों सा चमकता रहता है वो
बेशक मायूसी का उम्र भर साया हो

होंठो से खुशियों को बांटता है हर पल
बेशक़ उदासी से भरा है उसका हर पल

हौंसलों की उड़ान है वो
मजबूती की पहचान है वो

औरत के समर्पण की पहचान है वो

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