गुरुवार, 20 अक्तूबर 2016

खाली सा है हो गया मन मेरा

कभी कुछ चाहत
तो कभी कुछ राहत
खाली सा हो गया मन मेरा

ना ज़िन्दगी से आस
ना किसी पर विश्वास
बस कट रही है तिनको में
बिखर कर ज़िन्दगी
खाली सा हो गया मन मेरा

कोई मंजिल ही हमें ढूंढ ले
हम तो है कि रास्ते ही भूल गए
अब नहीं रहा हमें जिंदगी विश्वास तेरा
खाली सा हो गया मन मेरा

बशर्ते हो गयी मेरी अधूरी हर कहानी
मुझे जिन्दा रहना का आज भी शौक है
मेरे हर कदम पर इस दुनिया की रोक है
खाली सा हो गया मन मेरा .....2

#मुझे भी रौशनी दे
मेरी ज़िंदगी ओझल सी है
फूलों से जब भी दोस्ती की
काँटो ने हमें बर्बरता से छीला है

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कड़वे शब्द बोलता हूँ