सोमवार, 9 मार्च 2015

दिल कुछ कहे

कोई मुझे भी याद करता है
मेरे लिए भी कोई आहें भरता है
मालूम होता अगर हमे भी
दो पल सकूँ से जी लेते हम

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कड़वे शब्द बोलता हूँ