बुधवार, 1 जुलाई 2015

अधूरा ब्लॉग

कोई कली आज फूल बन गई
उसकी रास्ते की रुकावट धुल बन गई

चन्द रोज पहले, रोका जाता था उसे बढ़ने से
आज मदमस्त हो वो, बढ़ चला है वो रास्तों पर

#चाह कर भी पूरा ना लिख सका 2 जुलाई से कोशिश कर रहा था

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कड़वे शब्द बोलता हूँ