मंगलवार, 7 जुलाई 2015

जाने किस का दर्द लिख दिया

पास हो होता है फिर भी दिल क्यों रोता है
अँखियों से तो नहीं, दबी जुबान से जाहिर होता है

पास बैठकर मीलों का फासला क्यों होता है दरमियाँ
दिल की रुस्वाइयां , होंठो से क्यों नहीं होती है बयाँ

सवाल खामियों का नहीं, हसरतो का है जरूरत से ज्यादा
वो चुप सा रहता है, मेरा दिल जाने कितना उनसे कहता है

#song
में तेनु समझावा की
ना तेरे बिना लाग्दा जी

वे चंगा नहीं कित्ता बिबा मेरे दिल तोड़ के
वे बड़ी पछताया आँखा, दिल तेरे नाल जोड़ के

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कड़वे शब्द बोलता हूँ