रविवार, 26 जुलाई 2015

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बजरंगी भाई जान॥

कुछ दिन पहले मेरे दोस्त  बजरंगी और बाहुबली में फर्क तय कर रहे थे। बिना देखे तब मेने कहा था की बजरंगी सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए है और बाहुबली एक धरोहर को दर्शाती है। में वहां कुछ गलत था। एंटरटेनमेंट के साथ बजरंगी एक संदेशात्मक फ़िल्म है। सन्देश दो देश के मोहब्बत ही नहीं। बल्कि आज जो हो रहा है हम अपने स्वार्थ में इतने खो गए है की मदद तो दूर उल्टा किसी मदद करने वाले की निष्ठा में हजार खामियां निकाल उसे भी रोक देंगे॥ मोहब्बत को एक आदमी और औरत के रिश्ते के इर्द गिर्द बांध दिया। जबकि असली मोहब्बत तो इंसान की इंसान से उसके दर्द से उसकी हंसी से उसके गम से है।

#काश वो मुकाम दुनिया में फिर लौट आए धर्म रंग भेद पर जानवर सा लड़ने वाला इंसान फिर इंसान हो जाये॥

1 टिप्पणी:

कड़वे शब्द बोलता हूँ