शनिवार, 27 जून 2015

मौसम बदलते है तू बदला तो क्या हुआ

कभी गर्म तो कभी सर्द हवा सा जब
मौसम बदलते है तू बदला तो क्या हुआ

अक्स मेरा लूट, वो चल पड़ा है अलग राह
मेरी राह उस तक थी तेरी राह बाकि थी जब 2
मौसम बदलते है तू बदला तो क्या हुआ

निगाहों ने फ़रेब किया हो जब, जुबान का शिकवा कौन करे
मोहब्बत में तो हम मरे थे उनकी तो ना थी जब 2
मौसम बदलते है तू बदला तो क्या हुआ

समन्दर सा गोते खाता था मन मेरा, जब उन्हें देख कर
अब वो बेवफा क्यों हुआ जब 2
मौसम बदलते है तू बदला तो क्या हुआ

किसको सुनाओ अपनी दिल की दास्ताँ
रोक था मुझे जग ने, उसके पीछे चल पड़ा था जब 2
मौसम बदलते है तू बदला तो क्या हुआ

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डूबा में था मैं इश्क़ में, पिघलेगा तू क्यों

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कड़वे शब्द बोलता हूँ