शुक्रवार, 26 जून 2015

आप की कौन सी क्लास् है?

एक दोस्त ने आज जिक्र किया कुछ इस तरह कि अफ़सोस भी हुआ उनकी सोच पर और हैरानी भी। की आज भी लोग इतने शिक्षित होकर अंग्रेजी भाषा के ज्ञान से व्यक्ति की हैसियत और अस्तित्व को नापते है। अंग्रेजो के ज़माने में होता था चन्द हिंदुस्तानी उनकी खुशमद में अंग्रेजी सिख अन्य हिन्दुस्तानियो को निम्न वर्ग दर्शाते थे। आज अंग्रेजो के जाने के 70 बरस पश्चात भी इस तरह के लोगो पर अफ़सोस ना करूँ तो क्या कहूँ॥
हाँ अगर उनका कहना होता कि हमारे अथार्त् गांव के लोगो का जीवन शैली इतनी साफ़ सुथरी व सफाई के प्रति जागरूकता कम है तो समझ में आता। क्योंकि भारत वर्ष में अभी भी एक बड़ा वर्ग जीवन शैली निम्न स्तर की जी रहा है। उनके खाने में ना तो पोषक तत्व है और ना ही बनाने के संसाधनों में सफाई जिसके प्रति लोगो को जागरूक किया जाना आवशयक है।

पर इसका मतलब ये नहीं आप उस वर्ग को निम्न वर्ग की श्रेणी में लाये। और एक तरह से ये उनके खुद के परिवार के लिए गाली समान है क्योंकि कुछ पीढ़ी पहले हर परिवार गाँव से ताल्लुक रखता था। शहरी जीवन शैली पूर्णत आये अभी एक पीढ़ी ही गुजरी है। क्या उसके परिवार व् रिश्तेदार भी निम्न वर्ग के है और उनसे उनका कोई नाता नहीं। ऐसी बातें अक्सर उन लोगो को करते सुना है जिनके पास अचानक पैसा आया हो अन्यथा जिस पेड़ पर जितने फल होते है वो उतना झुका होता है।

मेरे व्यक्तव अच्छे है बुरे में नहीं जानता पर इतना अवशय है जो भी इंसान को किसी भी वर्ग से बाँट देता है वो इंसानियत का दुश्मन ही होता है।

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खामियां निकलते रहे दूसरो में ज़िन्दगी भर
पता नहीं चला खुद के दामन कितनी खामिया आ गयी

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कड़वे शब्द बोलता हूँ