रविवार, 7 जून 2015

मोहब्बत का दिल॥जीवन मुश्किल

पहचान एक है मोहब्बत भरे दिल की
उस दिल में दुश्मन के लिए भी नफरत नहीं
जज्बात उमड़ते है हर अनजाने के दर्द पर
हो कोशिश लाख भी, बुरा ये कर पता नहीं
क्रोध में भी, खुद का सीना जलायेगा
मगर दूसरे पर उफ़्फ़ तक जाहिर करता नहीं
तीखी बातें सुन मुरझा जाता है ये दिल
इसकी ये खासियत ही इसकी मुश्किल
मतलब की दुनिया में इस्तेमाल हो जाता है
खुद जल कर, किसी का आशियाना रोशन कर जाता है
हक़ हो चाहे खुद का, औरो पे लुटाना चाहता है
पैगम्बर है मोहब्बत का, नफरत कैसे कर पायेगा
आखिरी कतरा भी देकर तुझे जिस्म का
अपना फ़र्ज़ ये निभा कर ही जायेगा
हौंसला टूट भी गया हो बेशक इसका
तेरा मनोबल फिर भी बढ़ाएगा

ख्वाहिश दम तोड़ गयी इसकी
पूरी करते हुए चाहत जिसकी
वो भी दुत्कार चला जाता है

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