क्यों वो इतना शोर करता है
दिल सह नहीं पाता
में झील् का पानी हूँ
उस जैसा समुन्दर का सैलाब नहीं
^O^(^^)
यूँ संग बिताए लम्हे
जग को सुनाते नहीं
शाम है अन्धकार का नाम
और अंधेरो को उजाला दिखाते नहीं
मेरे लिखने का इन्तजार करता है २
कुछ कहते ही चुप हो जाता है
जाने कौन सा दर्द उसे खाता है
इतना बेगैरत नहीं मीडिया हमारा
चंद सिक्को में बिक जाए
बहुत सिक्के लगते है खरीदने को
इस कदर सुलझ सकती है ज़िन्दगी
ना फाके की चिन्ता हो
ना दाने की
ना टूटे तेरे मन की आस
आज नहीं तो कल होगा तेरे पास
बेशक कोई नहीं ख़ास
है तो तेरा अपना ये विकास
सांस रुकी हो जिसकी
उसे फिकर हो किसकी
फ़ासले इंचों में दरमियाँ दीवानो के
दूरियाँ मीलों सी फैली क्यों
कड़वी होती गर जुबान
शक्कर कुछ कमाल कर पाती
कड़वा जो दिल है तुम्हारा
बस चाहता मोहब्बत का सहारा
कर दुआ
कल मेरा कहर
किसी के लिए जहर ना बने
मुझे फ़िक्र तेरी नहीं
उस दिल की है
जो तुम्हारे यहाँ चोरी हुआ था
जमीन खिसका देते है
कुछ अपने लोग
में हर रोज नया अपना तलाशता हूँ
चाकरी करता हूँ किसी सेठ की
फ़िक्र है पापी पेट की ना की भेंट की
बरसा कल जो बदरा
धूल गया मिटटी का भी नखरा
बस कर मेरे दुश्मन
अब दोस्तो की दगा की बारी है
परिंदा हूँ में जिस जहाँ का
उड़ने से पहले पर क़तर जाते है
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