बुधवार, 2 अक्तूबर 2013

हर किसी का।।।।।।

कोई अच्छा है तो कोई बुरा है ।
कोई माखन है तो कोई छूरा है
किसी की नियत ख़राब है
किसी की सूरत ख़राब है
किसी का धरम महान है
किसी का करम महान है
किसी का बेटा लायक है
किसी का बाप विलायत है
किसी का रंग काला है
किसी का रूप निराला है
हर किसी का कुछ होता है
हर कोई फिर भी रोता है
क्योंकि इंसान भूखा होता है

आखरी वक़्त भी भूखा सो जायेगा
फिर भी किसी का गला काट रोटी लायेगा
खुद भी खायेगा और नन्हो को भी खिलायेगा
फिर किसी मंदिर मस्जिद की चोखट जायेगा
अपने कर्मो पर पर्दा डालने का क़र्ज़ चुकाएगा
अगले दिन जायेगा और नया गला लायेगा
पर अपनी हरकत से न बाज आएगा
इंसान इंसान न होकर पशु हो जायेगा
कुछ कर ले आखिरी वक़्त एक दिन आएगा
और तू भूखा चला जायेगा।।।।।।।।।।।।।

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