मंगलवार, 1 अक्तूबर 2013

ट्वीटर

एक ऐसा वर्ग जिसे शायद मोहल्ले में या ऑफिस में या कही भी मौका नहीं मिलता अपने दिल का अरमान। जहर उगलने को वो ट्वीटर पर आसानी से व्यक्त कर देता है अच्छा भी है मन निर्मल हो जाता है । हल्कापन आ जाता है कोई चिंता नहीं रहती लगता है हमने पप्रोटेस्ट यही कर दिखाया हो । कुछ मित्र इतना अच्छा लिखते है की ट्वीटर छोड जाने का मन नहीं करता और कुछ ऐसे भी है जिनके संग निभाने का मन नहीं करता । पर जैसा की हमेशा सिखाया जाता है बुराई तज कर अच्छाई को अपनाना चाहिए । ताकि हमारे अंतर्मन पर कोई दुष्प्रभाव न हो। और हम निरंतर अपने लक्ष्य की तरफ बढते जाये। आप को लगता होगा की में कैसी बातें लिखता हूँ आप को तो सब पता है। पर एक बात कहूं दावे से हर किसी को पता होता है जब कोई बुरा या अच्छा काम करता है पर फिर भी करता है। सब हेराफेरी करते है थोड़े मुनाफे के लिए उस वक़्त चलता है कहकर पल्ला झाड़ देते है अपने सब गुनाहों से। मेरा मकसद ट्वीटर पर अच्छे लोगो से बातें करना और अच्छे लोगो की भावना को प्रबल बनाना ताकि जो कुछ बचे है वो विरासत ही सरंक्षित रह जाये ।।
नमस्ते ।।

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