कश्मकश में हूँ मैं
वो मेरा है
दिल कहता है
हो सकता नहीं
भुलाना भी चाहूँ गर उसे
मेरी साँसे क्यों टूटती है
एक पल को लगे
पीछे दुनिया छूटती है
कश्मकशम मे हूँ मैं
वो बेशक़ भूला सा लगता है मुझे
कहीं राहों पर फिर मिल जाता है
मेरा उदास चेहरा खिल जाता है
वो नजरें क्यों फिर चुराता है
कशमकश में हूँ मैं