सोचता हूँ तुझे
हर पल
मुश्किल भरा है मेरा कल चल और कही ले चल
संजीदा है मोहब्बत मेरी
पर भारी ये जुदाई के पल
मुश्किल भरा है मेरा कल चल और कही ले चल
रस्ते चुनें जो वफ़ा ए यार के
कश्मकश में है गुस्ताख़ ए दिल
मुश्किल भरा है मेरा कल चल और कही ले चल
बढ़ता है हर सांस में खुमार यार का
मुझे तो बस चाहत है तेरी
नहीं जानता अक्षर प्यार का
मुश्किल भरा है मेरा कल चल और कही ले चल
हवा के पीछे क्यों भागता मेरा मन
इश्क़ में दिल टूटता है छन छन्
मुश्किल भरा है मेरा कल चल और कही ले चल
# बेबस होता है हर किसी का दिमाग
जब उठती है दिल में इश्क़ की आग
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें