प्रिय हो तुम,
मेरे श्वास से भी ज्यादा
#कड़वाशब्द
माँ शब्द ....माना कि सँसार है
पर शिशु ही ममता का आधार है
#कड़वाशब्द
तेरी अठखेलियों से खिलती हूँ,
तुझ से ही, मैं खुद से मिलती हूँ
#कड़वाशब्द
शिकन तेरी, मेरी बेचैनी बढ़ाती है
माँ की मुस्कान, तेरी हँसी से लौट आती है
#कड़वाशब्द
रोज तेरी नई लीला, माँ का आनंद बन जाती है
शिशु की किलकारी, माँ के आंगन की बाती है
#कड़वाशब्द
ममता के चिराग में, रोशनी भर भर आती है
जब माँ की गोद एक नन्हें फूल से महक जाती है
#कड़वाशब्द
माँ की बात आज तुम्हें एक माँ ही सुनाती है
ममता रूपी दिए कि शिशु से अलख जग पाती है
#कड़वाशब्द
तुम बिन हर शब्द ममता का अधूरा है
मेरे शिशु से ही मेरा परिवार भरा पूरा है
#कड़वाशब्द
तो माँ की ममता के बखान में याद रखना जरूर
हर माँ के लिए उसका शिशु होता है उसका ग़ुरूर
#कड़वाशब्द
तेरे माथे को चूम कर जो सकूँ मिल जाता है
वो एहसास ही मुझे, माँ होने का हक़ दिलाता है
एक माँ की कहानी ....उसकी जुबानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें