मंगलवार, 12 जनवरी 2016

मोह छोड़ उनसे है नाता तोड़ा,

बहते अश्क़ो को अब नहीं है रोना
ज़िन्दगी जो बन गई थी एक खिलौना
उसे कुछ सपनो से है संजोना
क्योंकि आज मेने मोह छोड़ उनसे है नाता तोड़ा,

रिश्तों की जुगलबंदी में उलझा था जो
आज उन्माद से भरे नव पथ पर चला है वो
रोज़ के झगडे अब ना मुस्करा ना पाएंगे
मेरे जीवन में भी रंग आएंगे
क्योंकि आज मैंने मोह छोड़ उनसे है नाता तोड़ा,

सिसकते लम्हें इतिहास हो जायेंगे
कांपते हुए स्वर, गीत गुनगुनाएंगे
हम अब खुद भी खुश रहेंगे,
लिया प्रण औरो को भी हंसाएंगे
क्योंकि आज मैंने मोह छोड़ उनसे है नाता तोड़ा,
एक नया पन्ना आज फिर ज़िन्दगी में है जोड़ा

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