सोमवार, 11 जनवरी 2016

ग़ज़ल:- उदासी के दामन तले वो मेरा अश्क़ छुपा लेता है

उदासी के दामन तले
वो मेरा अश्क़ छुपा लेता है
मैं डूब भी जाऊ इश्क़ में
वो आँखों से छलका देता है
उदासी के दामन तले
वो मेरा इश्क़ छुपा लेता
वो मेरा इश्क़ छुपा लेता है
वो मेरा इश्क़ छुपा लेता है

जब भी कोई बात उस से में पुछु
होंठो तले जज्बात दबा लेता है
उदासी के दामन तले
वो मेरा अश्क़ छुपा लेता है
वो मेरा अश्क़ छुपा लेता है

हो जाऊ मैं हो जाऊ में गैर भी अगर
वो अपना बनाने का राज बता देता
उदासी के दामन तले
वो मेरा अश्क़ छुपा लेता है

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