ज़िंदा हूँ मैं
जिंदा हूँ मैं
अभी मोहब्बत जो बाकि है
मेरे दिल को धड़काती है
कहीं से है थोडा गुदगुदाती
कभी कभी है थोड़ा रुलाती
ज़िंदा हूँ मैं
जिंदा हूँ मैं
इतना तो है ये बताती
मुझको है राह दिखाती
नफरत तो सिर्फ इंसान को जलाती
मोहब्बत ही है जो ख़्वाबो को सजाती
दो दिलों के रंग रूप धर्म के भेद छुपाती
बस मोहब्बत ही मोहब्बत जो दिल को महकाती
ज़िंदा हूँ मैं
जिंदा हूँ मैं
इतना तो है ये बताती
मुझको है राह दिखाती
कुछ अठखेलियाँ वो मुझको दिखाती
कुछ मेरी नजरें उसको है जताती
वो शर्मा कर, कुछ है छुपाती
पर मोहब्बत से नहीं है बच पाती
ज़िंदा हूँ मैं
जिंदा हूँ मैं
इतना तो है ये बताती
मुझको है राह दिखाती
हर पल उसकी साँसे है घबराती
कभी पुछु तो कुछ बहक सी जाती
दिल की आग वो लब पर नहीं लाती
बस एक झूठी मुस्कान बिखेर जाती
ज़िंदा हूँ मैं
जिंदा हूँ मैं
इतना तो है ये बताती
मुझको है राह दिखाती
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एक मोहब्बत ने ही मुझे इंसान बनाया है
नहीं तो हर रहगुज़र ने नफरत से ही मिलाया है
बस दुआ है रब्ब से मोहब्बत के जाम ही लुटाना
नहीं तो नफ़रत से जला देगा ये जालिम जमाना
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