बुधवार, 9 दिसंबर 2015

वजह क्या है मुझे चाहने की

तू गुलाबो से घिरा है
तेरा हर ख़्वाब भी मिला है
फिर इतना बता
वजह क्या है मुझे चाहने की

संगमरमर सा तो में भी नहीं
जो मुझे मोहब्बत का ताज समझे
फिर इतना बता
वजह क्या है मुझे चाहने की

बह गया हूँ तेरी आँखों से
कभी ज़ख्म तो कभी दर्द बनके
फिर इतना बता
वजह क्या है मुझे चाहने की

मेरे दिल में कोई जगह नहीं
तेरे दिल का ख़्वाब सजाने की
फिर इतना बता
वजह क्या है मुझे चाहने की
फिर इतना बता
वजह क्या है मुझे चाहने की

ट्वीट@kadwashabd

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कड़वे शब्द बोलता हूँ