हमे बहुत ही दिनों बाद लिखने का मौका मिला bigadda पर लिखा करते थे जाने क्या हुआ की वो अब बंद हो गयी पर यहाँ नया मंच मिला. शायद ये और अछा हो . जीवन को सादगी से जीने के लिए सरकारी दफ्तर से भी इस्तीफ़ा दे दिया पर हमारे समाज को बैमानी ने इतने बुरे तरीके से जकड रखा है की कोई बदलने का नाम नहीं लेता उल्टा आप को बदल देंगे
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