रविवार, 28 सितंबर 2014

महान संस्कृति का जनाजा

भारत की संस्कृति की बात करते है हम तो मुझे बड़ी हंसी आती है। किस देश की संस्कृति जहाँ सदा से व्यवहार बड़े छोटे को देखकर बनाया गया।।

सबसे पहले तो आप देख सकते है एक वर्ग शिक्षित था और एक वर्ग बाहुबल दोनों ने जैसे चाहा वैसा नियम कमजोर व् निमन वर्ग को शोषित किया।।

शादी की बात करते है की हमारे धर्मं ने एक शादी की अनुमति दी।। तो वो राजा किस भारत के थे जो जंगल में सुंदर कन्या देख गन्धर्व विवाह कर लेते थे और घर तक जाते जाते भूल भी जाते थे।।

फिर बात करते है महिलाओ के सम्मान की इतना सम्मान करते थे की किसी भी बेवा को उसके पति के साथ जिन्दा जला (सती)दिया जाता था इस महान संस्कृति में।।

इंसानियत शब्द का प्रयोग निम्न वर्ग ही करता था वो ही आज करता है।। जब तक ना समानता का भाव होगा वो समाज विकास और एकरूपता की बात करे तो अट्ठाहस से ज्यादा कुछ नहीं।।

मेरा कहना इतना है की हमे सहजता से अपनी बुराइयों को स्वीकार कर दृढ़ता से उन्हें दूर करना चाहिए।।

बुलंद वो शिकारी नहीं जिसने शेर का शिकार किया
वो चूहा है जिसने जाल काट शेर को बचाया।।

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कड़वे शब्द बोलता हूँ