मंगलवार, 5 नवंबर 2024

स्वच्छता योजना नहीं आचरण हो

स्वच्छता के बारे में सभी प्रशिक्षण तकनीकी बातें तो आपको बता देंगे लेकिन तकनीक से भी अलग स्वच्छता का एक पहलू है व्यवहार परिवर्तन, आप सब को यह तो अवश्य पता होगा कुछ बरस पहले गांव की फिरनी व आसपास के खेतों में खुले में शौच के कारण मल पड़ा हुआ मिलता था लेकिन यह नहीं पता होगा कि ऐसा क्या हुआ जो आज सभी लोग खुलें में शौच की बजाए शौचालय का प्रयोग करने लगे
तो उसका बेहतरीन टूल है
 व्यवहार परिवर्तन
लोगों के आचरण में बदलाव से ही संभव हो पाया यह सब, न कोई पैसा लगा न कोई योजना , काम आया सिर्फ लोगों में जागरूकता का अभियान उनके आचरण को बदलने के टूल।

ठीक उसी तरह अब भी हमें लोगों ने इतनी जागरूकता करनी होगी कि उन्हें मालूम चले कि एक गंदगी से उनके स्वास्थ्य और जेब पर कितना असर पड़ता है, कूदे या कचरे का व्यक्तिगत अथवा घरेलू स्तर पर ही निपटान हो जाए तो सब बदल जाएगा। बाहर कूड़े के ढेर नहीं होंगे, सर्वत्र स्वच्छता का वास होगा। 
फिर सवाल उठता है करें कैसे?
तो आसान सा जवाब है गांव मोहल्ला में जब भी कोई सभा हो तो एक स्वच्छता का संदेश इफेक्टिव तरीके से दिया जाए तो जब बार बार सभी वही बात करेंगे तो आने वाली पीढ़ी और जनमानस के मस्तिष्क पटल पर स्वच्छता की छाप छूट जाएगी सभी अपने स्तर पर भागीदारी करके समाज और अपने गांव को स्वच्छ रखेंगे। 

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