मेरे दोस्त के पिता की कल मृत्यु हो गयी मेरे पैरो के नीचेसे जमीन खिसक गयी।। अचानक सुनकर तबियत भी बिगड़ गयी उनके घर जाना तो दूर इलेक्शन ड्यूटी पर था वो छोड़ भी घर आ गया।। पिता परिवार का वो स्तम्भ होता है जो परिवार को एक सूत्र में बांधे रखता है वो हमेशा परिवार को दुःख की घडी में होंसला बनाये रखने का ढांढस देता है।।
मेरा ह्रदय की करुणा में व्यक्त नहीं कर सकता।। भगवान मेरे मित्र को होंसला दे।। ताकि पिता के छोड़े परिवार के दायित्व का वहन कर सके।।
Sochta hoon ki har pal likhoon par likhne baithta hoon to wo pal hi gujar jata hai
गुरुवार, 16 अक्टूबर 2014
पिता स्तम्भ परिवार का
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