गुरुवार, 16 अक्तूबर 2014

पिता स्तम्भ परिवार का

मेरे दोस्त के पिता की कल मृत्यु हो गयी मेरे पैरो के नीचेसे जमीन खिसक गयी।। अचानक सुनकर तबियत भी बिगड़ गयी उनके घर जाना तो दूर इलेक्शन ड्यूटी पर था वो छोड़ भी घर आ गया।। पिता परिवार का वो स्तम्भ होता है जो परिवार को एक सूत्र में बांधे रखता है वो हमेशा परिवार को दुःख की घडी में होंसला बनाये रखने का ढांढस देता है।।
मेरा ह्रदय की करुणा में व्यक्त नहीं कर सकता।। भगवान मेरे मित्र को होंसला दे।। ताकि पिता के छोड़े परिवार के दायित्व का वहन कर सके।।

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